SIP और Lumpsum में क्या फर्क है? नए निवेशकों के लिए आसान तुलना
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निवेश की दुनिया में जब हम Mutual Funds की बात करते हैं, तो दो आम विकल्प होते हैं: SIP (Systematic Investment Plan) और Lumpsum निवेश। बहुत से नए निवेशकों के लिए यह समझना मुश्किल होता है कि दोनों में क्या फर्क है और उनके लिए कौन-सा बेहतर है।
इस लेख में हम SIP और Lumpsum में आसान शब्दों में तुलना करेंगे।
📌 SIP क्या है?
SIP का मतलब है कि आप हर महीने या हर हफ्ते एक तय राशि निवेश करते हैं। जैसे ₹500 हर महीने।
🟢 फायदे:
-
नियमित निवेश की आदत बनती है
-
Market timing की टेंशन नहीं
-
रुक-रुक कर निवेश करने से रिस्क कम होता है
📌 Lumpsum क्या है?
Lumpsum में आप एक बार में बड़ी राशि (जैसे ₹50,000 या ₹1 लाख) निवेश करते हैं।
🟡 फायदे:
-
अगर Market नीचे है तो एकसाथ निवेश फायदेमंद हो सकता है
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जल्दी बड़ा रिटर्न मिल सकता है
-
निवेश मैनेजमेंट आसान (सिर्फ एक बार)
🆚 SIP बनाम Lumpsum तुलना
तुलना | SIP | Lumpsum |
---|---|---|
निवेश समय | नियमित (Monthly/Weekly) | एक बार (One-time) |
रिस्क | कम, क्योंकि निवेश बंटा होता है | थोड़ा ज्यादा |
सुविधाजनक | हां | केवल जब बड़ी राशि हो तब |
बाजार का असर | कम क्योंकि Cost averaging | ज्यादा असर पड़ सकता है |
🤔 नए निवेशकों के लिए क्या बेहतर है?
अगर आप शुरुआत कर रहे हैं:
-
आपकी कमाई सीमित है
-
आप निवेश की आदत बनाना चाहते हैं
तो 👉 SIP बेहतर विकल्प है।
यदि आपके पास एक बार में बड़ी राशि है और आप Market की स्थिति को समझते हैं, तो Lumpsum भी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है।
📌 निष्कर्ष
दोनों निवेश के तरीके अपने-अपने फायदे रखते हैं। SIP नियमित और सुरक्षित निवेश का रास्ता है, जबकि Lumpsum ज्यादा रिटर्न के लिए मौका देता है।
👉 निवेश शुरू करें अपनी सुविधा और लक्ष्यों के अनुसार।
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